हमारे देश में कई बड़े नेता ऐसे हैं जिनको राजनीति का धुरंधर कहा जाता है पर आपको क्या पता है कि वह राजनीति में नहीं आने चाहते थे। भारत की राजनैतिक कुर्सी पर बड़े- बड़े धुरंधरों का राज है. इन सत्ताधारियों ने देश की दिशा और दशा को बदला है. इन में से कई राजनेताओं को विरासत में सत्ता की कुर्सी मिली तो वहीं कुछ ने बाद में इन गलियारों में क़दम रखा. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन सफल नेताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पहली पसंद राजनीति नहीं थी. आइये जानते हैं वो कौन थे और क्या कर रहे थे.
6. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
देश की पूर्व और पहली महिला राष्ट्रपति, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने वकील के रूप में अपनी पहली नौकरी शुरू की थी. उन्होंने जलगांव जिला अदालत में वकालत की थी.
2. प्रणब मुखर्जी
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली नौकरी अपर-डिवीज़न-क्लर्क के रूप में Deputy Accountant General के दफ़्तर में थी। बाद में वह यूपीए सरकार में वित्त मंत्री बने थे।
3. सोनिया गांधी
इंदिरा गांधी की बहू, राजीव गांधी की पत्नी व राहुल-प्रियंका गांधी की मां और कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने इटली से पढ़ाई की है और एक वेट्रेस थीं. वह राजनीति में नहीं आना चाहती थी पर राजीव गांधी की मृत्यु के बाद अचानक उन्हें पार्टी की कमान संभालनी पड़ी।
4. मनमोहन सिंह
देश के पूर्व प्रधानमंत्री, मनमोहन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है।