Tuesday 21 December 2021

देश के ऐसे 8 राजनेता जिनकी पहली पसंद राजनीति नहीं थी

हमारे देश में कई बड़े नेता ऐसे हैं जिनको राजनीति का धुरंधर कहा जाता है पर आपको क्या पता है कि वह राजनीति में नहीं आने चाहते थे। भारत की राजनैतिक कुर्सी पर बड़े- बड़े धुरंधरों का राज है. इन सत्ताधारियों ने देश की दिशा और दशा को बदला है. इन में से कई राजनेताओं को विरासत में सत्ता की कुर्सी मिली तो वहीं कुछ ने बाद में इन गलियारों में क़दम रखा. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन सफल नेताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पहली पसंद राजनीति नहीं थी. आइये जानते हैं वो कौन थे और क्या कर रहे थे. 
 
 

6. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल

 Pratibha devi singh patil
 देश की पूर्व और पहली महिला राष्ट्रपति, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने वकील के रूप में अपनी पहली नौकरी शुरू की थी. उन्होंने जलगांव जिला अदालत में वकालत की थी.
 
 2. प्रणब मुखर्जी 

pranab mukherjee

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली नौकरी अपर-डिवीज़न-क्लर्क के रूप में Deputy Accountant General के दफ़्तर में थी। बाद में वह यूपीए सरकार में वित्त मंत्री बने थे।

3. सोनिया गांधी

Sonia Gandhi

इंदिरा गांधी की बहू, राजीव गांधी की पत्नी व राहुल-प्रियंका गांधी की मां और कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने इटली से पढ़ाई की है और एक वेट्रेस थीं. वह राजनीति में नहीं आना चाहती थी पर राजीव गांधी की मृत्यु के बाद अचानक उन्हें पार्टी की कमान संभालनी पड़ी।

4. मनमोहन सिंह

Manmohan Singh

देश के पूर्व प्रधानमंत्री, मनमोहन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है।

5. नरेंद्र मोदी

PM Modi

देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री, नरेंद्र दामोदरदास मोदी की पहली नौकरी एक चाय वाला के तौर पर थी. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए और गुजरात के मुख्यमंत्री बने.

6. निर्मला सीतारमण

Nirmala sitaraman

भारत की तत्कालीन वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने लंदन के रीजेंट स्ट्रीट में होम डेकोर स्टोर हैबिटेट में एक विक्रेता के रूप में काम किया था।

7. अरविंद केजरीवाल

 Arvind kejriwal

 आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व कर अधिकारी थे. साल 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान अरविन्द केजरीवाल काफ़ी चर्चा में आए थे.

 1. मायावती

Mayawati 

उत्तर प्रदेश में दलितों की बड़ी नेता और यूपी की सबसे प्रमुख पॉलिटिकल पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का चेहरा मायावती राजनीति की बड़ी शख़्सियतों में से एक है। उन्होंने अपनी बी.एड डिग्री हासिल की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की तैयारी के दौरान शिक्षक के रूप में अपनी पहली नौकरी की थी।

Friday 5 November 2021

दिल्ली वालों ने धड़ल्ले से जलाए पटाखे, सांस लेने लायक नहीं रही राजधानी की हवा, धुएं से ढंक गया आसमान


दिल्ली में पटाखे जलाने (Cracker Ban) पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की.  (AP फोटो)

 नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक  का स्तर बहुत खराब होने के चलते सरकार ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और चलाने की भी अनुमति नहीं दी थी. वहीं, दिल्ली में पटाखे जलाने पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. इस कारण दिल्ली का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जो शाम चार बजे 382 था, वह रात आठ बजे तक बढ़कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया क्योंकि कम तापमान और हवा की गति मंद रहने के कारण प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं हो सका. धड़ल्ले से पटाखे जलाने के चलते रात नौ बजे के बाद दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में एक्यूआई 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 दर्ज किया गया, जोकि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं.

राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए. वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए. हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था.

विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के चलते सुबह के समय इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 600-800 मीटर के दायरे में कम दृश्यता रही.

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि शांत हवा की स्थिति के कारण दिनभर 800-900 मीटर के दायरे में दृश्यता प्रभावित रही. दिल्ली के प्रदूषण स्तर में बृहस्पतिवार को पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत पटाखे जलाए जाने पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर मध्यरात्रि तक ‘गंभीर’ की श्रेणी में पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह तक पीएम 2.5 प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है और एक्यूआई 500 के स्तर को पार कर सकता है.

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी का पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई बृहस्पतिवार को 382 पर पहुंच गया, जो बुधवार को 314 था. मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 303 और सोमवार को 281 था. शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, तथा 401 और 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है.

‘सफर’ के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. उत्तर-पश्चिम हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं को दिल्ली की तरफ ला सकती हैं. सफर के मुताबिक, सात नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि, एक्यूआई ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में रहने की आशंका है.

Wednesday 20 October 2021

दिल्ली के किसानों के लिए केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान, फसल बर्बाद होने पर 50 हजार का मुआवजा

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. दिल्ली सरकार उन किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये का मुआवजा देगी जिनकी फसल बारिश की वजह से खराब हो गई. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली के कुछ किसान मुझसे मिलने आए थे. बारिश की वजह से उनकी फसलें खराब हो गई हैं. मैंने उनसे कहा कि हर मुसीबत में हम आपके साथ खड़े हैं. हमारी सरकार जब से आई है मुसीबत आने पर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा हमने दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार भी जिन किसानों को नुकसान हुआ है उन्हें 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए हमने सर्वे शुरू कर दिया है. करीब डेढ़ महीने के अंदर सबको मुआवजा मिल जाएगा. अगर किसान की फसल खराब हुई है तो चिंता ना करें हम आपके साथ खड़े हैं. पूरा मुआवजा जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में ये सबसे ज्यादा मुआवजा है. कहीं पर 8 हजार मुआवजा देते हैं तो कहीं पर 10 हजार रुपये देते हैं. आपकी सरकार ने 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया. हम सिर्फ घोषणा नहीं करते हैं बल्कि कोशिश करते हैं कि घोषणा के 2-3 महीने के अंदर अकाउंट में पैसे चले जाएं.

Monday 18 October 2021

अब मेट्रो में सफर के लिए किराये का भुगतान अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से, DMRC शुरू कर रहा है नई सुविधा


नई दिल्ली। क्या आप भी मेट्रो में सफर करते हैं अगर हां तो यह खबर आपके लिए काम की है। अब मेट्रो का सफर करना पहले की तुलना में कही अधिक आसान हो जाएगा। अब आपको मेट्रो से सफर के लिए टोकन लेने या स्मार्टकार्ड रिचार्ज कराने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ अब मेट्रो में सफर के लिए आप किराये का भुगतान अपने बैंक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड से आसानी से कर सकेंगे। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की तरफ से इसके लिए लेटेस्ट ऑटोमेटिक फेयर मशीनें लगाई जा रही हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में. 

44 स्टेशनों पर स्वचालित किराया संग्रह यानी AFC सिस्टम इंस्टॉल-इस नए नियम के तहत आप स्मार्ट कार्ड के अलावा, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), क्यूआर कोड-आधारित टिकटिंग मोबाइल फोन और पेपर क्यूआर टिकट के माध्यम से मेट्रो किराये दे सकेंगे। आपको बता दें कि इसके लिए डीएमआरसी ने चौथे चरण के दौरान 44 स्टेशनों पर स्वचालित किराया संग्रह यानी AFC सिस्टम इंस्टॉल करना शुरू कर दिया है. यानी जल्दी ही आपको ये सुविधा मिलेगी। इसके अलावा मौजूदा स्टेशन पर लगे एएफसी गेटों को भी अपडेट किया जाएगा।

अभी यह सुविधा एयरपोर्ट लाइन पर-डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि नए सिस्टम में कैशलेस और ह्यूमन एरर फ्री ट्रांजेक्शन के अलावा सेवाओं के अधिक डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा। मेट्रो कॉर्पोरेशन एएफसी फर्मवेयर को भी अपग्रेड कर रहा है। इससे यात्री अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड को स्मार्ट कार्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। राजधानी में अभी सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ही यह सुविधा है।

सभी बैंकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड होंगे एक्सेप्ट-आपको बता दें कि अभी कोच्चि और नागपुर जैसे कुछ महानगरों में यह सुविधा है. लेकिन यहां पर विशेष बैंकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड ही लिए जाते हैं. डीएमआरसी की प्रणाली रुपे पोर्टल के माध्यम से सभी बैंकों से लेनदेन स्वीकार करेगी। नई प्रणाली मेट्रो नेटवर्क में अधिक 'किराया क्षेत्र' बनाने में भी मदद करेगी।

अब इन तरीके से दे सकेंगे किराया

1. स्मार्ट कार्ड
2. नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड
3. मोबाइल आधारित एनएफसी (Near Field Communication Ticketing)
4. मोबाइल QR कोड आधारित टिकट
5. पेपर QR टिकट

अब पेनल्टी स्मार्ट कार्ड से कटेगी-डीएमआरसी के प्रवक्ता ने बताया कि इस नई व्यवस्था के तहत स्मार्ट कार्ड के जरिए पेनाल्टी की कटौती भी संभव होगी। फिलहाल एक यात्री को बाहर निकलते समय बढ़े हुए मूल्य का भुगतान करने की आवश्यकता होती है. इसके लिए यात्री को कस्टमर सर्विस विंडो पर जाना पड़ता है। इस नए सिस्टम में पेनल्टी का भुगतान स्मार्ट कार्ड के जरिये ही किया जा सकेगा। आपको बता दें कि डीएमआरसी फेज- I और II के स्टेशनों पर कस्टमर सर्विस में टिकटिंग मशीनों के साथ पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल को भी इंटीग्रेट करेगा। इसमें स्मार्ट कार्ड को पीओएस से भी रिचार्ज किया जा सकेगा.

लखीमपुर हिंसा पर किसान संघ का 'रेल-रोको' आंदोलन जारी, गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े

संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करते हुए सोमवार को छह घंटे के राष्ट्रव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान किया था जो अब भी जारी है। आपको बता दें कि इस मामले में गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा आरोपी है। किसान संघों के द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया, "अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग के लिए दबाव डालने के लिए, ताकि लखीमपुर खीरी हिंसा में न्याय सुरक्षित किया जा सके, संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को एक राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की थी।"

संयुक्त किसान मोर्चा  ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोकने के लिए अपने घटकों को एक आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसी भी रेलवे संपत्ति को किसी भी प्रकार की क्षति से बचने और क्षति के बिना शांतिपूर्वक आंदोलन का आह्वान किया है।

बयान में कहा गया है, "संयुक्त किसान मोर्चा अजय मिश्रा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। यह बहुत स्पष्ट है कि अजय मिश्रा केंद्र सरकार में गृह मामलों के राज्य मंत्री हैं। उनके इस्तीफे के बिना इस मामले में न्याय सुरक्षित नहीं किया जा सकता है।"

Saturday 18 September 2021

नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सफाई के सिपाही बनकर आम जन को किया स्वच्छता के प्रति जागरूक

नई दिल्ली। शमाँ एजुकेशनल एंड पॉलिटेक्निक सोसाइटी और जाफराबाद आरडब्लूए के तत्वाधान में उत्तर पूर्वी नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ "सफाई के सिपाही" बनकर नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्वच्छता के प्रति जन जागरण रैली निकालकर आमजन को  जागरूक किया। संस्था के महासचिव डॉक्टर फहीम बेग के अनुसार आज निगम अधिकारियों व कर्मचारियों व  शमाँ एनजीओ और जाफराबाद आरडब्ल्यूए के सदस्यों और उनके नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्वच्छता के प्रति एक महा अभियान शुरू किया इसमें आम जनता को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक किया गया खासतौर से  मकान मालिक, किरायेदार, फैक्ट्री मालिक, होटल वाले, परचून वाले, चाय की दुकान आदि सब को यह समझाया गया कि वह अपना कूड़ा अपने निजी कूड़ेदान में डालें और उसके बाद निगम  के टिपर अथवा गाड़ी में ही डालें क्योंकि बड़े बड़े अभियान हमारे देश के प्रधानमंत्री  व हमारे सभी राजनेताओं ने शुरू किए मगर जब तक जनता का सहयोग नहीं होगा तब तक  गंदगी को अपने देश से अपने गली-हल्ले से दूर भगाना आसान नहीं होगा। 

 

 इसलिए यह मुहिम चलाकर हमने आज लोगों को  गंदगी के खिलाफ साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया। शमाँ  एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिर्जा शाहिद चंगेजी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि हर धर्म में साफ सफाई स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया है मगर बड़े अफसोस की बात है कि हम अपने धर्म को ही भूल कर गंदगी को बढ़ा रहे हैं और साफ-सफाई को भूल चुके हैं यह जन जागरण रैली आम जनता को यह संदेश देने के लिए शुरू की गई है कि हम सब को साफ-सफाई रख कर अपने क्षेत्र को सुंदर और स्वच्छ बनाना है।जाफराबाद आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष सादिक अली ने इस मुहिम को सफल बनाने में अपना पूर्ण योगदान देने का आश्वासन दिया और जनता से साफ सफाई के प्रति सजग रहने का निवेदन किया।

 

मोहम्मद अमश बेग ने जनता का आह्वान करते हुए नारा दिया "घर का कचरा कूड़ेदान में और कूड़ेदान का कचरा निगम के वाहन में"  "सफाई ही हमारी पहचान साफ करेंगे हिंदुस्तान" "हम हैं सफाई के सिपाही" मोहम्मद फ़ाज़  खान ने स्वच्छता और सुंदरता का बखान करते हुए एक बहुत ही मधुर कविता सुनाई। उत्तर पूर्वी मलेरिया विभाग के इंचार्ज कपिल खत्री ने आम जनता से अपने घरों में पानी जमा न होने की अपील की और समझाते हुए बताया कि जहां पानी जमा होगा वहां मच्छरों का जन्म होगा और फिर वह बीमारियों को जन्म देते हैं इसलिए अपने घरों का साफ सफाई का वातावरण बनाएं और घरों में पानी इकट्ठा ना होने दें। 


उत्तर पूर्वी निगम वार्ड 41ई  के इंचार्ज किशनचंद चंदेल ने आम जनता से उनका सहयोग करने की अपील की और कहा कि अगर निगम के किसी भी कर्मचारी अधिकारी किसी भी तरह की समस्या हो तो आम जनता हमसे संपर्क साथ सकती है या फिर जाफराबाद आरडब्लूए शमा एनजीओ से संपर्क साध कर अपनी कोई भी सुझाव या शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं। 

 

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने "सफाई के सिपाही" बनकर अपना पूर्ण योगदान दिया इसके अतिरिक्त मिर्ज़ा शाहिद बेग,सादिक अली, मोहम्मद मेहरबान,जावेद अख्तर,मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद अनीस, जावेद मिर्जा, सलीम मलिक, मोहम्मद आसिम खान, मोहम्मद अबरार,आदिल कुरेशी, उसामा खान, युसूफ बैग, मोहम्मद हम्माद,नफीस नबी,असलम, अय्यूब खान, विकास,मास्टर आरिफ, आज़म,  राजन,बिट्टू,मोहन,पवन, त्रिलोक, लोकेश कुमार, प्रीतपाल आदि ने जागरूक किया और चेतावनी दी कि अगर आम जनता स्वच्छता के प्रति अपना योगदान नहीं देगी या कूड़ा कचरा इसी प्रकार से गली मोहल्ले में मंदिर मस्जिद के बाहर  फेंकती रहेगी तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।








27-06-2023 To 03-07-2023(16.07)